परिसंचरण-तंत्र Circulatory System, हृदय (Heart),धमनी ( Arteries) ,शिरा या नस ( Vein),BLOOD CIRCULATORY SYSTEM लसिका परिसंचरण-तंत्र (Lymph Circulatory System) - GS ONLINE HINDI

गुरुवार, 7 मई 2020

परिसंचरण-तंत्र Circulatory System, हृदय (Heart),धमनी ( Arteries) ,शिरा या नस ( Vein),BLOOD CIRCULATORY SYSTEM लसिका परिसंचरण-तंत्र (Lymph Circulatory System)

परिसंचरण-तंत्र Circulatory System, हृदय (Heart),धमनी ( Arterv) ,शिरा या नस ( Vein),BLOOD CIRCULATORY SYSTEM लसिका परिसंचरण-तंत्र (Lymph Circulatory System)



परिसंचरण-तंत्र (Circulatory System):


* जंतु जगत में परिसंचरण तंत्र दो प्रकार का होता है।
1. Open Circulation System → ये तंत्र  Orthropoda , Cocroach, Mollusca में पाया जाता है। इसमें हृदय द्वारा रक्त को रक्त वाहिकाओं में पंप किया जाता है। जो की रिक्त स्थानों में खुलती है।

2 Closed Circulation System → ये तंत्र Annelida (Example: Earthworm = केचुआ ) तथा कषेरूकी में पाया जाता है जिसमें हृदय से रक्त का प्रवाह एक दूसरे से जुड़ी रक्त वाहिनीयों के जाल में होता है इस तरह का रक्त परिसंचरण तंत्र ज्यादा लाभदायक होता है क्योंकि इसमें रक्त प्रवाह आसानी से नियमित किया जा सकता है।
* सभी कषेरूकियों में कक्षों (Chambers) से बना हुआ पेषी हृदय होता है। मछलियों में दो कक्षीय हृदय होता है जिसमें एक आलिंद तथा एक निलय होता है।
* उभयचरों सरीसृपों (मगरमच्छ को छोड़कर) हृदय तीन कक्षों का होता है जिसमें दो आलिन्द (Atrium) तथा एक निलय (Ventricle) होता है
* मगरमच्छ, पक्षियों तथा स्तनधारियों का हृदय 4 कक्षों का होता है जिसमें दो आलिन्द तथा दो निलय होते हैं।

मानव परिसंचरण तंत्र(Human Circulation System)



* इसे रक्तवाहिनी तंत्र भी कहते हैं जिसमें कक्षों से बना पेषी हृदय , बंद रक्तयाहिनियों का एक जाल, रक्त एवं तरल समाहित होता है। 

* रक्त परिसंचरण की खोज किसने की थी-विलियम हार्वे ने ।
* रक्त परिसंचरण के निम्न भाग होते है - हृदय (Heart), धमनियाँ (Arteries), शिराएँ (Veins), रुधिर (Blood)
* रक्त परिसंचरण द्वारा शरीर में अमीनो अम्ल, विद्युत अपघटय, गैसें, रक्त कोशिकाएँ और हार्मोन का यातायात किया जाता है।
* शरीर में धमनियों और शिराओं की कुल लम्बाई 80,000 मील है।
* मनुष्य के शरीर में प्रतिदिन रुधिर 350 लीटर ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाओं में भेजता है।
* शरीर के भीतर रक्त-संचरण में लगभग 23 सेकेण्ड का समय लगता है।


* हृदय (Heart) :-


*  हृदय मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण पेशी है, तथा फेफड़ों के बीच हृदयावरण Pericardium) नामक थैली में सुरक्षित रहता है। 

* मानव हृदय का भार 300 ग्राम होता है. इसका रंग गहरा लाल और बैगनी होता है।
* मानय हृदय के दाहिने भाग में अशुद्ध रक्त (कार्बन-डाइऑक्साइडयुक्त) और बायें भाग (ऑक्सीजनयुक्त) में शुद्ध रक्त होता है।
* मानय के हृदय में 4 कोष्ठ (Chamber) होते हैं-दो आलिंद Auricle) और दो निलय Mentricle)
-हृदय के आगे के भाग में दायां आलिंद और बायां आलिद होता है।
* हृदय के पिछले भाग में दायां निलय और बायां निलय होता है।
* वायें आलिद और दायें निलय के बीच त्रिवलनी कपाट होता है।
* बायें आलिद और बायें निलय के बीच द्विवलनी कपाट होता है।
* मानव ह्रदय प्रति मिनट 72 बार धड़कता है। (भूणावस्था में 150 बार)


* हदय की मांसपेशियों में रक्त पहुँचाने का कार्य कोरोनरी धमनी का है. कोरोनरी धमनी में रुकावट के कारण हृदयाघात Oleart Attack) होता है।
* मानव हृदय एक धड़कन में 70 मिली पक्त पम्प करता है।
* मानव हृदय प्रति मिनट 4.5 लीटर रक्त पम्प करता है।
* हृदय के संकुचन Systole) और शिथिलन (Diastole) को ही हृदय की धड़कन कहते है।
* सामान्य मनुष्य का रक्तदाब 120/80 mmhg है. (सिस्टोलिक-120, डायस्टोलिक -80)
* उच्च रक्त दाब की स्थिति को हाइपरटेशन तथा निम्न रक्तचाप की स्थिति को हाइपोटेशन कहते है।
* वृद्ध होने पर मनुष्य का रक्त दाब घटता है।
* सोते समय मनुष्य का रक्त दाब घटता है।
* यदि मनुष्य के रक्त वाहिनियों की त्रिज्या कह कर दी जाये तो रक्त दाब पर क्या असर पड़ेगा-बड़ेगा
* रक्तदाब मापने वाला यंत्र स्फिग्मोमेनोमीटर Sphygmomanometer) है।
* मनुष्य की धड़कन को नियंत्रित करते वाला हार्मोन एड्रीनलिन है।
* अम्लीयता हृदयगति को बढ़ाती है और क्षारीयता हृदयगति घटाती है।
 हृदय का कार्य रक्त को पम्प करना है, अर्थात रक्त को शिराओं के माध्यम से खींचना और धमनियों के माध्यम से अन्य भागों तक पहुंचता है।
* हृदय की गति कम हो जाने पर इसे सामान्य अवस्था में लाने के लिये पेसमेकर का उपयोग किया जाता है।
* हृदय सम्बन्धी असामान्यताओं का पता लगाने के लिये इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफECG) का उपयोग किया जाता है।
* शरीर के आतरिक अंग या महिला गर्भ में भूण की तस्वीर देखने के लिये किस तकनीक का उपयोग किया जाता है-अल्ट्रा साउन्ड (सोनोग्राफी)
* हृदय प्रत्यारोपण के खोजकर्ता क्रिश्चियन बर्नार्ड हैं. विश्व का प्रथम हवय-प्रत्यारोपण 3 दिसम्बर 1967 ई० को किया गया था।
* भारत में प्रथम हृदय प्रत्यारोपग पी० वेणुगोपाल ( 7 जुलाई 1984 ई०) ने किया था।



* धमनी ( Arteries) :- 


* धमनियों में शुद्ध रक्त होता है।
* धमनियों का कार्य हृदय से रक्त को शरीर के बाकी अंगों तक ले जाना है।
* धमनियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त होता है।
* प्लमोनरी धमनी में अशुद्ध रक्त होता है. इसका कार्य दाहिने निलय से फेफड़ा में रक्त पहुँचाना है।
* मानव शरीर में सबसे बड़ी धमनी महाधमनी (Aorta) है।
* मानव शरीर की सबसे छोटी धमनी आरटेरियल्स Arterioles) है।



* शिरा या नस ( Vein) :-


* शिराओ में अशुद्ध रक्त होता है।
* शिराओं का कार्य रक्त को शरीर के बाकी अंगों से हदय तक ले जाना है।
* शिराओं में कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त होता है।
* प्लमोनरी शिरा में शुद्ध रक्त होता है, इसका कार्य फेफड़ा से बांये आलिंद में रक्त पहुँचाना है।
* मानव शरीर की सबसे बड़ी शिरा महाशिरा (Inferior) है।
* मानव शरीर की सबसे छोटी शिरा केपिलेरियस (Capillaries) है।


BLOOD CIRCULATORY SYSTEMलसिका परिसंचरण-तंत्र (Lymph Circulatory System):-


 जब पक्त शरीर में शिराओं से होकर बहता है तो शरीर में होने पाली रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण रक्त कोशिका की दीवारों से धन के निकलता
है. इस छने हुये भाग को लसीका Lymiph) कहते है वस्तुतः लसीका रुधिर को ही कहते हैं।
* लसीका का रंग हल्का पीला होता है।
* लसीकाकण लिम्फोसाइट के बने होते हैं।
लसीका में कई संरचनाएँ होती है, जिन्हें लिम्फनोड कहते हैं, लिम्फनोट एक छन्ने की तरह होती है. इसमें धूलकण, जीवाणु, कैंसर कोशिकाएं फंस जाती है।
लसीका कार्य घाव भरना और पदार्थों का संवहन करना है।

द्विसंचरण (Double Circulation)


*  दाहिने गिलय द्वारा पम्प किया गया रक्त पल्मोगरी धमनी में जाता है जो कि रक्त को फेफड़ों तक ले जाती है यहां पर CO2, बाहर निकल जाती है तथा O2 रक्त में घुल जाती है इसके बाद रक्त पत्मोनरी षिरा (शुद्ध रक्त) से होते हुए बांयी आलिन्द तक पहुंचता है एवं यहां से बाएं
निलय में चला जाता है। इसके बाद बायां निलय रक्त को महाधमनी में पम्प करता है जो कि रक्त को विभिन्न अंगों एवं ऊतकों तक ले जाती है।
* यहां पर अंगों द्वारा CO2 को रक्त में वापिस कर दिया जाता है तथा ये अशुद्ध रक्त महाषिरा से होते हुए दाएं आलिन्द में पहुंचता है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।

हृदय चक्र(Cardiac Cycle)


# एक हृदय स्पंदन के आरम्भ से दूसरे हृदय स्पंदन से आरम्भ होने के बीच के घटनाक्रम को हृदय चक्र कहा जाता है।
# एक ह्रदय चक्र में सामान्य समय 0.8 सेकेण्ड लगता है तथा एक हृदय चक्र में 70 ml रक्त पम्प होता है। तथा 1 मिनिट में 5 लीटर के लगभग रक्त पम्प होता है।
# Stethoscope - हदय की धडकन को मापने वाले यंत्र को Stethoscope कहते है।
 * अशुद्ध रक्त →co2युक्त
* शुद्ध रक्त o2 युक्त
* रक्त दाब -मानव का सामान्य रक्त दाब (120mm mg/ 80mm mg ) होता है।
मानव रक्त दाब को स्पेग्मोमेनोमीटर (Sphygmomanometer) नामक यंत्र सें मापा जाता है।


* Note - सभी मानव धमनियों में शुद्ध रक्त बहता है। (अपवाद - पल्मोंनरी धमनी में अशुद्ध) सभी मानव शिराओं में अशुद्ध रक्त बहता है। अपवाद - पल्मोनरी शिरा में शुद्ध रक्त रहता है।

Share with your friends

Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done