मानव रक्त क्या होता है? What is human blood made of? - GS ONLINE HINDI

शनिवार, 2 मई 2020

मानव रक्त क्या होता है? What is human blood made of?

मानव रक्त का क्या होता है?
मानव रक्त (Human Blood):

मानव रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है, जो मनुष्य के शरीर में वाहिनियों में प्रवाहित होता है।

रक्त का महत्व importance of blood,


मानव के शरीर में रक्त की मात्रा शरीर के भार का 7% होती है।
रक्त एक क्षारीय विलयन है तथा इसका pH मान 7.4 है।
एक सामान्य मनुष्य में रक्त 5-6 लीटर रक्त पाया जाता है।
महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा रक्त की मात्रा 1/2 लीटर कम होती है।
सामान्य रक्त का रंग कैसा होता है - पीला (हीम की वजह से रंग लाल होता है)



रक्त के घटक क्या हैं? 


 मानव रक्त के दो भाग होते हैं -
(1)प्लाज्मा और (2) रुधिराणु



(1) प्लाज्मा (Plasma)-

प्लाज्मा रक्त का वह निर्जीव भाग है जिसमें रुधिराणु तैरते हैं, प्लाज्मा मानव रक्त का 55-60% भाग है. प्लाज्मा आंत द्वारा अवशोषित किये गये पदार्थों को शरीर के अन्य भागों तक पहुँचाता है तथा हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगों तक पहुँचाता है ताकि उन्हें शुद्ध किया जा सके, प्लाज्मा में 90% भाग जल, 7% भाग प्रोटीन, 0.9% भाग लवण, और 0.1% ग्लूकोज होता है, प्लाज्मा का कार्य पचे हुए भोजन एवं हार्मोन का शरीर में संवहन करना है.प्लाज्मा का उपचार करने वाली चिकित्सा विधि को प्लाज्माफेरेसिस कहते हैं, प्लाज्मा के अंदर एक प्रोटीन होता है जिसे फाइब्रिनोजेन कहते हैं    इसका काम रक्त का थक्का जमाना है. प्लाज्मा में से अगर फाइब्रिनोजेन निकाल दिया जाए तो शेष बचे प्लाज्मा का सेरम Serum) हैं. प्लाज्मा में उपस्थित ग्लोब्यूलिन पदार्थों का संवहन करता है।



(2) रुधिराणु (Blood Corpuscles)- 


रक्त के प्रकार क्या हैं?

प्लाज्मा के अलावा शेष रक्त का भाग रुधिराणु होते हैं तथा यह रक्त का 40-45% भाग होता है. रुधिराणु 3 प्रकार के होते हैं -

(1) लाल रक्त कणिकाएँ ।
(2) श्वेत रक्त कणिकाएँ ।
(3) रक्त विम्बाणु ।


(1) लाल रक्त कणिकाएँ Red Blood Cornuscles)-


  •  लाल रक्त कणों को Erythrocytes भी कहते हैं।
  •  लाल रक्त कणों (RBC) का आकार डिस्क (गोल) की तरह होता है।
  •  RBC में केन्द्रक नहीं पाया जाता है (अपवाद - ऊँट और लामा के RBC में केन्द्रक पाया जाता है)
  •  RBC का निर्माण अस्थिमज्जा (Bone Marrow) में होता है।
  •  RBC का जीवनकाल 20-120 दिन होता है।
  •  तथा RRC की का यकृत (Liver) और प्लीहा Spleen) को कहा जाता है क्योंकि RBC यहाँ पर मृत होती है, इसलिये प्लीहा को ब्लड बैंक कहते है 
  •  RRC में हीमोग्लोबिन पाया जाता है, जिसमें हीम एक रंजक है जिससे रक्त का रंग लाल होता है।
  •  ग्लोबिन एक लोहयुक्त प्रोटीन है जो शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संवहन करता है।
  •  अगर रक्त में ही ग्लोबिन न हो तो रक्त का रंग पीला होगा।
  •  पुरुषों में RBC का 40-50% होती है तथा महिलाओं में RBC 35-45% होती है।
  •  हीमोग्लोबिन में हीमैटिन नामक लौह यौगिक भी पाया जाता है।
  •  RBC का शरीर में प्रमुख कार्य ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संवहन करता है।
  •  रक्त में हीमोग्लोबिन या लौह की कमी होने पर रक्तक्षीणता (Anaemia) नामक रोग होता है।
  •  RRC की संख्या हीमोसाइटोमीटर से ज्ञात की जाती है।
  •  अस्थिमज्जा Bone Marrow)-मज्जा, अस्थि के अन्दर भरा हुआ मुलायम ऊतक होता है. ये शरीर के भार का 4% होता है।



(2) श्वेत रक्त कणिकाएँ White Blood Corpuscles) 



  •  न्यूट्रोफिल्स कणिकाएँ रोगाणुओं तथा जीवाणुओं का भक्षण करती हैं।
  •  इओसिनोफिल कणिकाएँ शरीर की परजीवियों से रक्षा करती है।
  •  बेसोफिल को मस्तिष्क कोशिका भी कहते है।
  •  लिम्फोसाइट को छोटी WBC भी कहते है इसकी मात्रा अधिक होने पर लिम्फोमा (दयुमर) होता है।
  •  मोनोसाइट को बड़ी WBC को कहते हैं।
  • WBC का प्रमुख कार्य शरीर की प्रतिरक्षा करना है।
  • श्वेत रक्त कणों को Leucocytes भी कहते हैं।
  • श्वेत रक्त कणों का आकार अनियमित (अमीबा के समान) होता है।
  • WBC में केन्द्रक पाया जाता है।
  • WBC का निर्माण अस्थिमज्जा (Bone Marrow), लिम्फनोड में होता है।
  • WBC में हीमोग्लोबिन नहीं पाया जाता है, जिस कारण इसका रंग सफेद होता है।
  • WEC का जीवनकाल 2-4 दिन होता है।
  • WBC की मृत्यु रयत में होती है।
  • पुरुषों-महिलाओं में WBC औसतन 25-35% होती है।
  • WBC का शरीर में प्रमुख कार्य शरीर की रोगों से रक्षा करना है।
  • रका में हीमोग्लोबिन या लौह की कमी होने पर रक्तक्षीणता Anaemia) नामक रोग होता है।
  • RRC और WBC का अनुपात BCC1 है। .
  • WRC के स्तर में कमी ल्यूकीमिया (ब्लड कैंसर) रोग होता है।
  • WBC में वृद्धि को ल्यूकोसाइटोसिस कहते है।
  • अस्थिमज्जा
  • WBC में कमी का ल्यूकोपीनिया कहते है।
  • WEC मुख्यतः 5 प्रकार की होती है-न्यूट्रोफिल्स (82%). इओसिनोफिल (2.30%), बेसोफिल (0.00).
  • लिम्फोसाइट (307). मोनोसाइट (6.366)

 


(3) रक्त बिम्बाणु (Blood Platelets):•



रक्त बिम्बाणओं को Thombocyte भी कहते हैं।

* रक्त बिम्बाणुओं का आकार अण्डाकार और प्लेटाकार होता है।
* रक्त विम्याणु केवल स्तनधारियों में पाये जाते है।
* बिम्बाणुओं का जीवनकाल 3-5 दिन होता है।
* बिम्बाणुओं का निर्माण अस्थिमज्जा (Bone marrow) में होता है।
* बिम्बाणुओं की मृत्यु प्लीहा (Spleen) में होती है।
* बिम्बाणुओं का प्रमुख कार्य रक्त का थक्का बनाना होता है।
* रक्त एक तरल है लेकिन शरीर से निकलने के बाद कुछ मिनटों में जम जाता है. जिसे थक्का कहते है।
* रक्त का थक्का जमना इस प्रकार होता है धाम्बोप्लास्टिन +प्रोद्योम्बिन+ कैल्सियम -योम्बिन + फाइब्रिनोजेन% फिबरीन + रक्त बिम्बाणु - (रक्त का थक्का बनना)
* रक्त का थक्का जमाने में मदद करने वाला विटामिन - विटामिन K
* रक्त का थक्का जमाने में मदद करने वाला प्रोटीन - फाइब्रिनोजेन
* रक्त का थक्का जमने से रोकने वाला प्रोटीन - हिपैरिन
* रक्त का अवका बनने में 2-5 मिनट का समय लगता है।
* डॉगटर पाय रया की जोष समय रक्त को जमने से बचाने के लिये उसमें क्या मिलाते है- अमोनियम या पौटेशियम ऑक्सलेट
* ESR परीक्षण किसे कहते है - इस परीक्षण में रक्त को जब परखनली में घुमाया जामा है तोRRC नीचे बैठ जाती है. इससे रोग पहचानने में मदद
मिलती है, जैसे कि यक्ष्मा (तपेदिक) रोग में होता है।
* नये रका कणों के निर्माण की प्रक्रिया को क्या कहते ई-हेमटोपोइसिस
* रक्त का थक्का बनाने में मदद करने वाला तत्व - कैल्सियम





Share with your friends

Notification
This is just an example, you can fill it later with your own note.
Done